द गर्ल इन रूम 105
मैं सब कुछ खो चुका है।'
'मुझसे किसी तरह की हमदर्दी की उम्मीद मत रखना, ' सफ़दर ने कहा।
'मैं बहक गया था। मैं वो सारे सोने के बिस्किट पुलिस को दे दूंगा, ' फ़ैज़ ने कहा। सौरभ ने अपना बैकपैक खोला और उसमें से सोने के बिस्किट से भरा प्लास्टिक बैग निकाला।
'तुम इनकी बात कर रहे हो ना?" सौरभ ने कहा।
'व्हॉट द... फ़ैज़ का गुलाबी चेहरा अनार की तरह लाल हो गया। 'ये एक लंबी कहानी है,' मैंने कहा। लेकिन तुम्हें किसी को बिस्किट्स सरेंडर नहीं करने होंगे। हम इसका ख्याल रखेंगे कि ये तुम्हारे आर्मी सीनियर्स तक पहुंच जाएं।'
'लेकिन...' फ़ैज़ बोल रहा था, , लेकिन रघु ने उसे बीच में ही टोक दिया। 'तुमने उसका इस्तेमाल किया। वो अपने भाई को लेकर
इस्तेमाल किया, ' रघु ने कहा।
'नहीं, जारा और मेरे बीच कुछ खास था।" "जारा मुझे चाहती थी, तुम्हें नहीं, रघु ने कहा।
कमज़ोर पड़ गई थी और तुमने उसकी कमज़ोरी का
"तुम्हारे पास तो उसके लिए समय ही नहीं था। तुमने उसके लिए एक कंपनी ज़रूर बना दी थी, लेकिन उसे अपना समय कभी नहीं दे पाए ' फैज़ ने कहा।
'मैंने जो कंपनी बनाई, वो हम दोनों के लिए थी। उसे इस बात को समझना चाहिए था... रघु ने कहा,
लेकिन उसकी आवाज़ ठहर गई।
'वो अच्छी तरह समझती थी, और इसलिए ही उसे अपने किए पर शर्मिंदगी भी थी, फैज़ ने कहा 'उसने मुझसे अपनी रिलेशनशिप खत्म कर ली थी। वो नहीं चाहती थी कि मैं अपनी बीवी को डायवोर्स दूं। वो बस इस
सबसे दूर जाकर तुम्हारे साथ एक नई जिंदगी शुरू करना चाहती थी। '
'लेकिन तुम दोनों का एक अफ़ेयर था। 'वो एक भूल थी, लेकिन उसके लिए आप किसी की जान नहीं ले सकते।"
'तुम्हें पता नहीं, कैसा महसूस होता है, जब..." रघु बोल रहा था, लेकिन पुलिस के साइरन की आवाज़ ने
उसे रोक दिया।
'इंस्पेक्टर राणा और उनकी टीम मैंने कहा
'आर यू सीरियस?" रघु ने कहा।
'तुमने अपराध किया है, तुम्हें सजा भुगतनी होगी, मैंने कहा। रघु ने मेरे और सौरभ की ओर देखा ।
"कैसा हो अगर मैं तुम दोनों को इतना पैसा दे दूं, जितना तुम अपने पूरे जीवन में कभी नहीं कमा सकते?"
रघु ने कहा।
"क्या?' मैंने कहा।
'तुम्हें बस पुलिस के सामने फ़ैज़ का नाम लेना होगा। वो इसी लायक है। उसे जेल में सड़ने दो।" फ़ैज़ गुस्से से उठ खड़ा हुआ।
'दस मिलियन डॉलर्स पांच तुम्हारे दोस्त के लिए भी। बोलो, है मंजूर?' रघु ने मुझसे कहा। उसका चेहरा बहुत गंभीर था।
मैं रघु के पास गया और उसका कॉलर पकड़ लिया। "तो जारा मुझे छोड़कर तुम जैसे घटिया आदमी के पास गई थी। साले हरामजादे' मैंने कहा।
तभी इंस्पेक्टर राणा दो पुलिस वालों के साथ रूम में आए। "क्या हो रहा है यहां पर राणा ने कहा।
'इंस्पेक्टर साहब, ' मैंने कहा 'वॉचमैन की जगह पर एक करोड़पति को ले जाने का समय आ गया
मैंने पुलिस जीप की वैकसीट से मुड़कर हमारे पीछे आ रही बैन को देखा।